क्या JJP वाले पक्के भाजपा वाले हो जाएंगे.Will JJP merge with BJP JJP का राजनीतिक भविष्य आगामी विधान सभा चुनावों में क्या रहेगा। गंठबंधन तो आखरी सांसो पर ? BJP/JJP Alliance on last breath.
JJP -BJP
BJP ने JJP को यह क्यों बोला साडे वल्लों छुट्टियां ने . JJP का राजनीतिक भविष्य आगामी विधान सभा चुनावों में क्या रहेगा? गंठबंधन आखरी सांसो पर ?
एक संभावना यह भी::::
क्या JJP वाले पक्के भाजपा वाले हो जाएंगें ? आप की क्या राय है कामैंट में लिखें।।
यह तो होना ही था??
एक बेवफा महबूब की तरह BJP ने JJPको अभी से अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।दिखाए भी क्यों न।।जैसे एक बडे पेड के नीचे छोटे पेड कभी विकसित नहीं हो सकते।पर यह संभावना रहती है कि अगर छोटा पेड चाहे वह धूप में मरूस्थल में लगा हो उसके विकास के चासं किसी पेड के नीचे पलने से हजारों गुणा ज्यादा होते हैं।।ऐसा ही कुछ JJP के साथ हुआ।। पहले तो उस दिन ही इनकी साढे सति शुरू हो गई जिस दिन BJP के साथ चोल मोल करी।।क्योंकि हरियाणा वालों ने अगर कुछ सीटें दी तो इस मुद्दे पर ही दी थी कि JJP BJPको जमना पार छोड कर आएगी पर चुनाव में जब किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो महाभारत वाले अभिमन्यु की तरह bjp के चक्रव्यूह में ऐसे फसे कि जिस पार्टी को जनता ने ही जमना पार जाने के लिए मजबूर कर दिया था वह jjp के कारण हरियाणा में सरकार बनाकर बहुतात में हरियाणवी लोगों को ठेंगा दिखा दिया।जो हरियाणवी युवा jjp की चुनावी रैलियों में इनके बी जे पी और खट्टर का मजाक बना बना कर इनसे चुटकले सुनते थे और उन चुनावी बातों को सच मान कर इन के साथ बहुत बडा युवा वर्ग जुडा था और घर घर जा कर jjp के गुण गाते थे पर इलेक्शन के बाद समर्थन देने व सरकार बनने पर वे युवा जब गांव जाते व घर जाते तो उनको हर कोई यही पूछता क्यों रे छोड आए जमना पार या ट्रेन मिस हो गई।यह कारण रहा इसके सिमटने का युवा वर्ग टूट गया इनसे।क्यूंकि हरियाणा और पंजाब की एक बात है यहां के लोग आत्मसम्मान मान सम्मान को सबसे आगे रखते हैं। BJP का विरोध jjp का मुख्य चुनावी मुद्दा था उसी पार्टी के साथ जादु की जफफीयां डाली जाने लगी और जनता को दरकिनार कर दिया। 90% हरियाणा वालों ने तो उसी दिन डांग पर तेल लगा लिया था और सबक सिखाने के लिए अगले चुनाव पर अलार्म सेट कर रखा है।।जो थोडी बहुत 10%भीड इनके साथ होती थी वे सब ऐसे कि चलो सरकार मे कोई काम पडता ही रहता है उसी चक्कर में साथ हो लिए कि सईया भए कोतवाल मतलब चीफ वाईस सी ऐम आफ हरियाणा बन गए।।।
इस बीच पार्टी चीफ और छोटे चीफ और अन्य सब ने सत्ता सुख खूब भोगा।इस बीच जब किसान अंदोलन पर jjp हर तरह से किसानों के विरुद्ध ही भुगती थी।यह मौका था इनके पास थोडा बहुत तो किसानों के हक के लिए सपोर्ट कर सकते थे पर सत्ता के सुख ने इनको कुछ नहीं करने दिया।इसके उल्ट चाचा अभय सिंह चौटाला असतीफा देकर किसानों के मसीहा बन गए और अब 2024 में उनको इसका स्पष्ट रिवार्ड मिलना ही है।यह तो हरियाणा प्रदेश के मुद्दो को बहुत स्पष्ट जानते थे।पर फिर भी यह कुंभकर्ण की नींद सोए रहे।पर अब जब आगे चुनाव को देख अब इनकी जाग खुली पर तब तक तो चिडिया चुग गई खेत।।BJP ने इस दौरान इनका गेम कर दिया जितने विधायकों का समर्थन लिया था उनको पक्का ही अपने पाले में कर रखा है।।विधायक भी तावल में ही हैं उन्होंने पैर उठा ही लिया है BJP की नाव में रखने के लिए क्योंकि jjp नाव मौके पर तो हिचकोले खा रही है #JJP की जाग ऐसी खुली के अब उनको नींद ही नहीं आ रही ।।सुख का समय बहुत जल्दी बीतता है और बीता भी अभी तो वह समय तो स्टार्ट होना बाकी है जिसमें एक-एक पल सालों की तरह बीतता है जब नाम के आगे से विशेषण हटता है।।इधर JJP के चाचा श्री पैदल यात्रा से इनकी धडकने बढा रहे हैं उधर BJP ने अपने गेट JJP NOT ALLOWED लिखवा लिया है अभी हाईलाइट करना बाकी है।।अब अगर यही JJP समय रहते लोगों की भावनाओ को समझती और BJP से गठबंधन न करती तो पहली बात द्वारा चुनाव होते किसी के पास बहुमत न होने के कारण तो पक्का पंजाब के आप पार्टी की तरह स्पष्ट बहुमत ले कर जाती ।।दूसरा मान लो अमित शाह अंकल कोई जोड तोड बैठा देते और BJP की सरकार बन जाती JJP विपक्ष में बैठती मुद्दे उठाती तो इस बार चाहे 6 महीने पहले ही लडडू बांट देते ।।पर यह हो न सका क्योंकि JJP चीफ को पास के बेर मीठे लगे अब जबकि बेर खट्टे हो गए अब इनके पास खरा एक ही विकल्प है आ अब लौट चलें ।घर लौटना ही इनके हित में है और हमारे पंजाबी में एक कहावत है अपना मारेगा तो छांवे सुटेगा । यह भी एक तरह की संभावना है ।यह बात अब JJP चीफ पर है कि वह कब फैसला लेते हैं ।।क्या फैसला लेते हैं।।अगर मेरे लेख से किसी की भावनाए आहत हुई हो तो माफ करना।।यह सब जो लिखा वह निचोड है जो लोगों ने पिछले चार सालों में निकाला।लोगों से सुना।यह जनता बाणी है।मैं किसी भी खास पार्टी का समर्थक नहीं हूं।।
उपर जो लिखा है वह सब जो हरियाणा में Bjp or jjp में अब हो रहा उसके संदर्भ में लिखा है।यह तो अभी शुरूआत है ।डर तो यह है अभी तो बोल कर पलटवार से चल रहा है आगे चल कर यह स्टेज पर न एक दूसरे से जुंडों- जूंडी न हो जाएं।।नीचे पढे क्या प्रेम प्रसंग चल रहा है दोनो पार्टीज में ।।
हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. नेताओं की जुबानी जंग और तीखी होती जा रही है. अब जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने बीजेपी को घेरा है. निशान सिंह ने कहा कि बीजेपी को आगे गठबंधन नहीं रखना तो एक दीदी नहीं, बल्कि चार दीदियों को चुनाव लड़वा लें, हमें क्या दिक्कत है. जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब के बयान पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने उचाना विधानसभा क्षेत्र से प्रेमलता को चुनाव जीतने की बात कही थी.
ऐसे में बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब यह कबना कि उचाना से मेरी दीदी चुनाव जीतेंगी, ये बयान गलत है और गठबंधन के खिलाफ है. क्योंकि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला उचाना से नेतृत्व कर रहे हैं, तो ऐसे में इस तरह की बयानबाजी करना परिपक्वता नहीं है।
शाहबाद में किसानों के प्रदर्शन को लेकर जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने कहा कि सूरजमुखी पर किसानों को एमएसपी देना चाहिए. वहीं इनेलो की पदयात्रा को लेकर निशान सिंह ने कहा कि इनेलो के पास अभय चौटाला एकमात्र विधायक है. उनका अधिकार तो जनता ने छीन लिया है.
आपको बता दें कि बिप्लब देव ने पहले उचाना विधानसभा क्षेत्र से प्रेमलता को चुनाव जीतने की बात कही थी. जिसपर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा था किसी के पेट में दर्द है, दर्द की दवाई तो मैं नहीं दे सकता. फिर इस बात पर बिप्लब देव का बयान आया उन्होंने कहा कि जेजेपी ने बीजेपी को समर्थन देकर कोई अहसान नहीं किया है. इसके बदले में उनके कई विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है.
धन्यवाद
जगदीप सिंह धुनना
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आजाद आवाज न्यूज ऐलनाबाद
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