e-रुपया डिजीटल CBDC .डिजिटल लेनदेन में भारत की नवीनतम क्रांति.साईबर सुरक्षा कैसे होगी

 

e-रुपया डिजीटल 

CBDC

डिजिटल लेनदेन में भारत की नवीनतम क्रांति

 भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में तेजी से बदलाव के युग में तकनीकी प्रगति ने आर्थिक लेनदेन को अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।  वर्तमान में भारत ई-रुपया के रूप में ज्ञात वित्तीय लेनदेन के क्षेत्र में एक क्रांति देख रहा है।  इस नवीनतम डिजिटल वित्तीय सेवा से आने वाले समय भारत कैशलेस अपना कर हर ट्रांजैक्शन डिजीटल हो जाएगी।।

ई-रुपया भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक डिजिटल मुद्रा प्रणाली है, जिसका उद्देश्य आम जनता को आसान इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन क्षमता प्रदान करना है।  यह व्यक्तियों को बैंक खाता खोलने की आवश्यकता को समाप्त करता है और सभी डिजिटल भुगतान उपयोगकर्ताओं को इसका उपयोग करने की अनुमति देता है।  ई-रुपया अप-टू-डेट डिजिटल वित्तीय तंत्र के रूप में काम करता है, जो भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ाता है।भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा 2022 में ई-रुपया पायलट के लॉन्च ने डिजिटल भुगतान के लिए एक नया मील का पत्थर चिह्नित किया। ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा समर्थित, यह केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) भौतिक रुपये का एक इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है, जो संभवत निजी डिजिटल मुद्राओं के लिए अधिक सुरक्षित और सरकार समर्थित विकल्प का प्रतिनिधित्व करता है। 

खुदरा डिजिटल रुपए के पहले पायलट प्रोजेक्ट में सरकारी और निजी क्षेत्र के चार बैंकों को शामिल किया गया है. इसमें एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम शामिल हैं.यह परियोजना दिसंबर की शुरुआत में चार शहरों में चार बैंकों के साथ शुरू हुई थी।  शुरुआती प्रतिभागियों की सूची में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक शामिल थे।  बाद में चार और बैंक यानी बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी जुड़ गए।पहले शुरुआत में चार शहर मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरू  और भुवनेश्वर थे अब 9 शहर और अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला और शामिल किए गए हैं ।।धीरे धीरे इस पायलट प्रोजेक्ट का विस्तार कीया जाएगा।

ई-रुपये का उपयोग करने के लिए, उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल या स्मार्टफोन पर एक ई-रुपया एप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा और इसे अपने संबंधित खातों से जोड़ना होगा।  एक बार एप्लिकेशन सेट हो जाने के बाद, व्यक्ति अपने ई-रुपया खातों में पैसा जमा कर सकते हैं और इसका उपयोग विभिन्न वित्तीय लेनदेन जैसे सामान खरीदने, बिलों का भुगतान करने आदि के लिए कर सकते हैं।  सबसे अच्छी बात यह है कि उपयोगकर्ता कभी भी और कहीं भी लेन-देन कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें बैंक जाने की आवश्यकता नहीं है।

ई-रुपये को अपनाने से न केवल सुविधा हुई है बल्कि वित्तीय सुरक्षा को भी बल मिला है।  यह व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।  उपयोगकर्ता आत्मविश्वास से अपना डिजिटल लेन-देन कर सकते हैं, यह जानते हुए कि उनका संवेदनशील डेटा सुरक्षित है।

ई-रुपया की शुरुआत कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।  यह एक गेम-चेंजर है जो डिजिटल वित्तीय परिदृश्य में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए व्यक्तियों, विशेष रूप से पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच के बिना लोगों को सशक्त बनाता है।  अपने उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस और मजबूत सुरक्षा उपायों के साथ, ई-रुपया भारत में डिजिटल लेनदेन को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है।

ई-रुपया भारत में डिजिटल लेनदेन में क्रांति ला रहा है, इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के लिए एक सुलभ और सुरक्षित मंच प्रदान कर रहा है।  जैसा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तकनीकी प्रगति को अपनाना जारी रखती है, ई-रुपया वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और निर्बाध डिजिटल लेनदेन की सुविधा के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभरता है।  अपने व्यापक लाभों और सुविधा के साथ, ई-रुपया भारत के डिजिटल युग में वित्तीय लेनदेन करने के तरीके को बदलने के लिए तैयार है।

यह बहुत जरूरी है कि हमें समय के साथ साथ जब कि पूरा संसार डिजीटल डेवलपमेंट में शिखर छू रहा है हमें भी जरूरत है उसके साथ कदम से कदम मिला कर चलने की।।पर इस सब के बीच साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।।।भारत की बडी जनसंख्या अभी भी इस इंटरनैट की दुनिया से अछूती है। बहुत लोगों को इन्टरनेट की जानकारी  नही है वे सिर्फ सोशल मीडिया पर रीलें विडीयो देखने के लिए इसका इस्तेमाल करते है।।उन सब के पहले इस डिजीटल लेनदेन की जानकारी व इसके साथ जुडे तमाम सुरक्षा के पहलु व अन्य हर तरह शिक्षा मुहैया करवानी चाहिए ताकि भविष्य में उनके साथ किसी तरह की साईबर ठगी न हो।।लोगों में जागरूकता लाने होगी।।हर भारतवासी का खुद भी यह फर्ज बनता है यहां तक आपने सोशल मीडीया चलाना सीख ही लिया थोडा और सीख लीजिए कोई कोरा अनपढ है तो बात अल्ग है।।अंत में जिस तेजी से दुनिया बदल रही है  चल रही है हम तभी कदम से कदम मिलाकर चल सकेंगे जब हम खुद प्रयास करेंगे। भविष्य में टेक्नोलॉजीज शिखर पर होगी।।आओ सब मिलकर हम अपने प्यारे भारत को डिजीटल इंडिया के नाम से संसार की कतार में पहले नंबर पर लाने का प्रयास करें।।।

धन्यवाद 

जगदीप सिंह धुनना 

+917988202029

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