Journey of earth
जीवन में प्राय ऐसा कुछ अनुभव में आता रहता है जिससे इसकी क्षणभंगुरता अनिश्चिता और एक दिन इस यात्रा का इस धरती पर अंत होना है आदि परिपक्व होता रहता है।।ज्यादातर संघर्ष तो जब हम जीवन के किसी प्रारूप में अनुशासन हीनता करते हैं उसकी उपज ही होते हैं।।।कुदरत ने जीवन को बहुत ही सरलता दी है पर अगर हम गहरे विचार करें तो 99% हमने इसको दिखावे,अनुशासन हीनता,आलस्य,और क्षणिक आनंद की लालसा में बहुत ही उलझा लिया है।।।यह माना कि जीवन का एक विराट घटनाक्रम हमारे हाथ में नहीं पर हां जितना है उससे ही हम इस जीवन में परम आनंद को अनुभव कर सकते हैं।।काम ,क्रोध, लोभ,मोह व अहंकार इन पांचों को जिस दिन हमने संतुलित कर लिया उस दिन हम आनंद,शांति की फुहारों का आनंद लेते हुए भरपूर जीवन जीना शुरू कर देंगे।।।वर्तमान में जीते हुए संपूर्ण होश में आओ हम सब पल पल इस धरा की यात्रा का आनंद लें।।।
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